ASM Kya Hai?

ASM Kya Hai? What is ASM in Stock Hindi

नमस्कार दोस्तों आज कल शेयर बाजार में बहुत सारे छोटी बड़ी कंपनी लिस्टिंग है और इस कंपनी में बड़े निवेशक छोटे निवेशक सभी निवेश करते है लकिन बड़े निवेशक हमेशा स्टॉक को मैनुपुलेट करने की कोशिश करते है इस Manipulation से बचने के लिए कुछ Rules सेबी ने बनाया हुआ है जिससे की छोटे निवेशक या रिटेल निवेशक सावधानी से निवेश कर सके। तो दोस्तों इस ब्लॉग में यह जानने वाले है की ASM Kya Hai? और ASM कितने प्रकार का होता है और अगर कोई स्टॉक ASM में है तो उससे क्या होगा?

ASM Kya Hai?

तो दोस्तों अगर आप इस लेख को पूरा पांच मिनट दे कर पढ़ लेते है तो ASM के बारे में सभी जानकारी मिल जायेगा तो चलिए शुरू करते है।

What is ASM in Stock? ASM Kya Hai?

Stock Market में ASM का फूल फॉर्म Additional Surveillance Measure होता है। एडिशनल सर्विलांस का मतलब होता है अतिरक्त निगरानी अलग से नज़र रखना, और ये अतिरिक्त निगरानी स्टॉक मार्किट को कंट्रोल करने वाला SEBI (Securities and Exchange Board of India) करता है। बाजार की अखंडता, जोखिमों को कम करने और निवेशकों के हितो की रक्षा करने के लिए ASM को बनाया गया है।

ASM फ्रेमवर्क  के अंडर आने वाले शेयर, स्टॉक मैनीपुलेशन, स्टॉक में होने वाले गतिविधि को कंट्रोल करता है जैसे किसी शेयर में अचानक से तेजी आता है,अचानक से शेयर की वॉल्यूम बढ़ने लगता है ASM फ्रेमवर्क के तहत उस शेयर को डाल दिया जाता है, इससे निवेशक के जोखिमों को कम करने में मदद मिलता है।

निवेशक किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले ये जरूर देखे की उनका स्टॉक ASM में तो नहीं है क्योकि ये ट्रेडिंग गतिबिधि और निवेश रणनीतियों को काफी प्रभावित करता है। ASM के बारे में अपडेट रहने से निवेशकों को अधिक शिक्षित निर्णय लेने और अपने पोर्टफोलिओ को अधिक सफलता पूर्वक मैनेज करने में मदद मिलती है।

ASM लिस्ट कितने प्रकार का होता है?

मापदंडो के आधार पर शेयर को अलग-अलग ASM लिस्ट में शामिल किया जाता है –

पहला है ASM शार्टटर्म लिस्ट, और दूसरा है ASM लॉन्गटर्म लिस्ट। LONGTERM  ASM का चार स्टेज होती है।

ASM STAGE

स्टॉक के परफॉरमेंस के आधार पर अलग अलग प्रकार के ASM स्टेज में शेयर को डाला जाता है  ASM के ये चार स्टेज है –

  • ASM LT STAGE 1
  • ASM LT STAGE 2
  • ASM LT STAGE 3
  • ASM LT STAGE 4

आप जब किसी स्टॉक में निवेश करते है तो एक बार जरूर देखे की आपका स्टॉक इनमे से किसी ASM Stage में है की नहीं, आप अपने स्टॉक को BSE के साइट पर जा कर देख सकते है। निचे चारो स्टेज को सरल भाषा में बताया गया है इसे धयान से पढ़े।

ASM Stage 1

इस स्टेज में स्टॉक में इंट्राडे बंद कर दिया जाता है, साथ में ब्रोकर जो मार्जिन देता है वो भी बंद हो जाता है 100% मार्जिन का प्रयोग होता है, और साथ में 5% से प्राइस बैंड लगा दिया जाता है, मतलब एक दिन में 5% से ज्यादा न प्रॉफिट देगा और न ही 5% से ज्यादा एक दिन में लॉस देगा।

ASM Stage 2

इस स्टेज में अगर शॉर्टलिस्ट किया गया है तो निर्धारित मापदंडो के आधार पर निगरानी की जाती है और Trade for Trade सेटेलमेंट होता है इसमें भी १००% मार्जिन लागू होता है, इंट्राडे बंद हो जाता है और 5% का प्राइस बैंड के साथ स्टॉक में ट्रेडिंग होता है।

ASM Stage 3

इस स्टेज में अगर कोई स्टॉक आ जाये तो थोड़ा संभल कर ही ट्रेड करना चाहिए क्योंकि इसमें T+3 days सेटेलमेंट लागू हो जाता है इसमें आप खरीदने के तीन दिन बाद ही बेच सकते है। इसमें भी प्राइस बैंड पांच प्रतिशत और सौ प्रतिशत ब्रोकरेज लागू होता है।

ASM Stage 4

इसमें ट्रेड करना शार्ट टर्म में सबसे ज्यादा रिस्क होता है यह अंतिम चरण है सभी निवेशकों पर 100% मार्जिन और 5% के प्राइस बैंड लागू होता है।

सेबी सभी स्टेज में निगरानी लगातार बनाये रखता है और कुछ टाइम बाद स्टॉक को ASM से बहार निकाल देता है।

वैसे तो जो लम्बे टाइम के लिए निवेश करता है उसे ASM के कोई भी स्टेज से कोई फर्क नहीं पड़ता है। 

दोस्तों मेरा नाम  SACHIN BHAGAT है आशा है की आपको ये लेख पसंद आया होगा। अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो निचे कमेंट करे

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